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विनायक स्वामी मन्दिर: कुएं में विराजमान हैं भगवान गणेश

@yatrapartnernetwork:कनिपकम में स्थित भगवान गणेश को समर्पित इस मन्दिर को श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। यह चित्तूर (Chittoor) से करीब 11 किलोमीटर पड़ता है। एक लोककथा के अनुसार, तीन भाई थे जो बहरे थे, अपने खेत में पानी उपलब्ध कराने के लिए एक कुआं खोद रहे थे। वे […]

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श्रीकालाहस्ती मन्दिर:एक महत्वपूर्ण शैव क्षेत्र,यहाँ होती राहुकाल और कालसर्प की पूजा

स्वर्णमुखी नदी के तट पर स्थित श्रीकालाहस्ती मन्दिर दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण शैव क्षेत्र है। तिरुपति शहर से करीब 35 कि.मी. दूर श्रीकालहस्ती गाँव में स्थित यह मन्दिर दक्षिण भारत में भगवान् शिव के तीर्थस्थलों में स्थित है। श्रीकालाहस्ती का नाम तीन जानवरों से लिया गया है- श्री (मकड़ी), काला (सांप) और हस्ती (हाथी) जो […]

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Sri Venkateswara Temple : Dedicated to Lord Balaji
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श्री वेंकटेश्वर मन्दिर : भगवान बालाजी को समर्पित 

@yatrapartnernetwork:यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर के पास सबसे प्राचीन मन्दिरों में से एक है और भगवान बालाजी को समर्पित हैं जिन्हें वेंकटेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इस मन्दिर का निर्माण कब हुआ इसके मूल तथ्य या दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इस मन्दिर का उल्लेख नवीं शताब्दी के इतिहास […]

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 #रामगिरि :मन्दिर के तालाब के जल में औषधीय गुण 

@yatrapartnernetwork: आंध्र प्रदेश के चित्तूर के इस छोटे-से गांव रामगिरि को भैरव क्षेत्र भी कहा जाता है। यहां कुछ प्राचीन मन्दिर हैं। भगवान शिव को समर्पित एक मन्दिर पहाड़ी के आधार पर जबकि भगवान मुरुगा को समर्पित एक अन्य प्रसिद्ध मन्दिर पहाड़ी की चोटी पर है। कहा जाता है कि इस मन्दिर के पास के […]

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@yatrapartnernetwork:विजयनगर साम्राज्य के उत्थान और पतन का गवाह रहा यह किला चित्तूर (Chittoor) शहर से करीब 108 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। शुरुआती दौर में इसे मिट्टी और चट्टानों से बनाया गया था। 1714 ईस्वी में इस पर कदप्पा के नवाब अब्दुल नबी खान का कब्जा हो गया। शिलालेखों से पता चलता है […]

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