
IndianWonders@YatraPartner: (भारतीय अजूबे): भारत में कुछ ऐतिहासिक आश्चर्यजनक सौन्दर्य हैं जिन्हें कोई भूल नहीं सकता। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वास्तुकला के आश्चर्य (अजूबों) के साथ, यह एक ऐसा खजाना है जिस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है। हम इस आलेख में भारत के 7 अजूबों की एक यात्रा का सुझाव दे रहे हैं, जिसे हर यात्री को 2025 में अवश्य करना चाहिए।
खजुराहो – मध्य प्रदेश (Khajuraho – Madhya Pradesh)
खजुराहो अपने उत्कृष्ट मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो अपनी जटिल नक्काशी के लिए जाने जाते हैं, जिसमें कामुक मूर्तियाँ भी शामिल हैं। इन प्रतिमाओं के पीछे बहुत बड़ा संदेश है। ये केवल कामुक नहीं बल्कि इनके पीछे जीवन की कला और अध्यात्मिक संदेश छिपा है। ये मंदिर 10वीं शताब्दी के हैं, और भारत स्थापत्य कला के सौन्दर्य को भी दर्शाते हैं।

ताजमहल – आगरा (उत्तर प्रदेश) (Tajmahal)
ताजमहल प्रेम और भारतीय वास्तुकला का प्रतीक है। सफेद संगमरमर की सुंदरता भी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक है। जब कोई विदेशी भारत आता है तो वह ताजमहल देखना नहीं भूलता। आप भी अवश्य देखिए और खो जाइये इसकी सुन्दरता में।

हवामहल – जयपुर (HawaMahal)
हवा महल या हवाओं का महल, 953 जटिल नक्काशीदार खिड़कियों वाली एक खूबसूरत पाँच मंजिला संरचना है। महल का निर्माण 1799 में हुआ था और यह राजपूत वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है।

स्वर्ण मंदिर – अमृतसर (पंजाब) (Golden Temple)
स्वर्ण मंदिर, या हरमंदिर साहिब, अमृतसर में दर्शन के लिए प्रमुख आध्यात्मिक स्थानों में से एक है। यह मंदिर एक शांत तालाब से घिरा हुआ है जो इसकी सुनहरी संरचना को दर्शाता है। यह अपने दिव्य वातावरण के लिए भी जाना जाता है। 2025 में अवश्य जाएँ और गुरु जी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

कोणार्क सूर्य मंदिर – ओडिशा (Konark Surya Temple)
कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा के मंदिर वास्तुकला के स्वर्ण युग का प्रतिनिधित्व करता है। यह सूर्य देवता को समर्पित एक वास्तुशिल्प आश्चर्य है। यह प्राचीन भारत की न केवल उन्नत वास्तुकला बल्कि खगोल विज्ञान का एक अप्रतिम उदाहरण है।

नालंदा – बिहार (Nalanda)
नालंदा शिक्षा का एक प्राचीन केन्द्र था और दुनिया के पहले आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक था, जो पूरे एशिया से विद्वानों को आकर्षित करता था। इस बौद्धिक केंद्र के खंडहर भारत के समृद्ध शैक्षणिक और सांस्कृतिक इतिहास की झलक पेश करते हैं। इतिहासकारों के अनुसार इसे आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने जला दिया था। कहते हैं कि इस विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में इतनी पाण्डुलिपियां थीं कि उसकी सेना कई महीने तक उन्हें जलाकर भोजन पकाती रही।

हम्पी, कर्नाटक (Hampi)
हम्पी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसमें प्राचीन मंदिरों, शाही महलों और विजयनगर साम्राज्य के खंडहरों का संग्रह है। खंडहरों का यह अद्भुत परिदृश्य पर्यटकों को उस समय की याद दिलाता है जब भारत राजाओं और रानियों की भूमि थी। इतिहासकारों के अनुसार यही रामायण काल का किष्किन्धा है, जहां भगवान श्रीराम और वानरराज सुग्रीव की मित्रता हुई थी।